Embark on a journey of knowledge! Take the quiz and earn valuable credits.
Take A QuizChallenge yourself and boost your learning! Start the quiz now to earn credits.
Take A QuizUnlock your potential! Begin the quiz, answer questions, and accumulate credits along the way.
Take A QuizPlease log in to access this content. You will be redirected to the login page shortly.
Loginहिन्दी हिन्दी व्याकरण 2 years ago
संज्ञा (Sangya): संज्ञा वह शब्द है जो किसी व्यक्ति, प्राणी, वस्तु, स्थान, भाव आदि के नाम के स्वरूप में प्रयुक्त होते हैं। अत: सभी नामपदों को संज्ञा कहते हैं।
संज्ञा की परिभाषा (Sangya Ki Paribhasha): किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु आदि तथा नाम के गुण, धर्म, स्वभाव का बोध कराने वाले शब्द को संज्ञा कहते हैं। जैसे- श्याम, आम, मिठास, हाथी आदि।
पद:- सार्थक वर्ण-समूह शब्द कहलाता है, किंतु जब इसका प्रयोग वाक्य में होता है तो वह व्याकरण के नियमों में बँध जाता है और इसका रूप भी बदल जाता है। जब कोई शब्द वाक्य में प्रयुक्त होता है तो उसे शब्द न कहकर पद कहा जाता है।
हिन्दी में पद पाँच प्रकार के होते हैं-
यहाँ हम संज्ञा और संज्ञा पद के बारे विस्तार से जानेंगे। अतःनिम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए-
उपर्युक्त वाक्यों में –
यह सभी पद संज्ञा है। संज्ञा पद का अर्थ ही है- “नाम“। अतः-
संज्ञा वह शब्द है जो किसी व्यक्ति, प्राणी, वस्तु, स्थान, भाव आदि के नाम के स्वरूप में प्रयुक्त होते हैं ।
संज्ञा की पहचान निम्नलिखित लक्षणों के आधार पर होती है-
कुछ संज्ञा शब्द प्राणी वाचक होते हैं और कुछ अप्राणी वाचक। जैसे-
कुछ शब्दों की गिनती की जा सकती है और कुछ की गिनती नहीं की जा सकती। जैसे –
संज्ञा अंग भेद में वाक्यों में संज्ञा को पहचान कर उनको बताना होता है। जैसे-
संज्ञा के तीन प्रकार के भेद होते हैं- व्यक्तिवाचक, जातिवाचक, और भाववाचक संज्ञा। जातिवाचक संज्ञा के भी दो होते हैं- द्रव्यवाचक संज्ञा और समूह वाचक संज्ञा।
वह शब्द जो किसी एक व्यक्ति, वस्तु, स्थान आदि का बोध करवाता है उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते है। जैसे- राम, श्याम, टेबल, कुर्सी, कार, दिल्ली, मुंम्बई आदि।
व्यक्तिवाचक संज्ञा के उदाहरण (Vyakti Vachak Sangya Ke Udaharan):
जो शब्द संज्ञा किसी जाति का बोध करवाता है वह जातिवाचक संज्ञा कहलाता है। जैसे- लड़का, लड़की, नदी, पर्वत आदि।
यहाँ पद लड़का शब्द किसी एक के लिए नहीं हैं, सभी boys को लड़का ही कहा जाता है, इसलिए यह एक जातिवाचक संज्ञा शब्द है, इसी प्रकार “लड़की, नदी, पर्वत” आदि केवल एक के लिए नहीं हैं।
जातिवाचक संज्ञा के दो भेद है-
जिस संज्ञा शब्दों से किसी धातु, द्रव्य, सामग्री, पदार्थ आदि का बोध हो , उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते है। जैसे- गेहूं, चावल, घी, सोना, चांदी, तांबा, ऊन आदि।
द्रव्यवाचक संज्ञा के उदाहरण (Dravya Vachak Sangya Ke Udaharan):
जिन संज्ञा शब्दों से किसी एक व्यक्ति का बोध न होकर पुरे समूह / समाज का बोध हो वह समूह वाचक / समुदायवाचक संज्ञा होता है। जैसे- सेना, पुलिस, पुस्तकालय, दल, समिति, आयोग, परिवार आदि।
समूहवाचक संज्ञा के उदाहरण (Samuh Vachak Sangya Ke Udaharan):
जिन संज्ञा शब्दों से पदार्थों की अवस्था , गुण-दोष , धर्म , दशा , आदि का बोध हो वह भाववाचक संज्ञा कहलाता है। जैसे- बुढ़ापा, मिठास, क्रोध, हर्ष, यौवन, बालपन, मोटापा आदि।
भाववाचक संज्ञा के उदाहरण (Bhav Vachak Sangya Ke Udaharan):
जिन भाववाचक संज्ञा शब्दों में किसी भी प्रत्यय का प्रयोग नहीं होता है, उन्हें हमस्वतंत्र भाववाचक संज्ञाकहते हैं। जैसे –सुख, दुःख, रोग, प्रेम, प्यार, स्नेह, दुलार, संसार, भय, क्रोधआदि।
स्वतंत्र भाववाचक संज्ञा शब्दों में जबप्रत्यय जोड़देते हैं तब यहविशेषण शब्दबन जाते हैं। जैसे:-
जब किसी वाक्य के आरम्भ में कर्त्ता के रूप कोई क्रिया आये, तब उस क्रिया कोक्रियार्थक संज्ञाकहते हैं। जैसे:-
उपरोक्त वाक्यों मेंघूमना, टहलना, पढ़नाआदि क्रियाओं का प्रयोगक्रियार्थक संज्ञाके रूप में हुआ है।
ओकारान्तऔरएकारांतशब्दों का प्रयोग हमेशा वहुवचन में होता है।
नियम १. यदि कोई क्रिया वाचक शब्द वाक्य के शुरुआत में ओकारान्त बनकर आये तब यह ओकारान्त शब्द हमेशाजातिवाचक संज्ञाहोता है। जैसे:-
नियम २. जातिवाचक संज्ञा का कोई शब्द यदि वाक्य प्रयोग में व्यक्ति विशेष के प्रयोग को दर्शाता हो, तब वह शब्द वाक्य मेंव्यक्तिवाचक संज्ञाबन जाता है। जैसे:-
मूलतः जातिवाचक संज्ञा | वाक्य प्रयोग में व्यक्तिवाचक संज्ञा |
---|---|
नेताजी | नेताजीने जय हिंद का नारा दिया। |
सरदार | सरदारको लौह पुरुष भी कहा जाता है। |
मोदी | मोदीदेश के प्रधानमंत्री हैं। |
गांधी या बापू | गांधीयाबापूअहिंसा के पुजारी थे। |
नियम ३. व्यक्तिवाचक संज्ञा और भाववाचक संज्ञा हमेशा एकवचन होते हैं। इनको वहुवचन बनाने के लिएओकारान्तऔरएकारांतका प्रयोग किया जाता है, और यह वहुवचन बनने के साथ जातिवाचक संज्ञा हो जाते हैं। जैसे:-
नियम ४. यदि कोई विशेषण शब्द आकारान्त हो तब वह ओकारान्त बनते हुए जातिवाचक संज्ञा का रूप ले लेता है। जैसे:-
नियम ५. व्यक्तिवाचक संज्ञा का यदि कोई शब्द वाक्य प्रयोग में अपने समान विशेषता को दर्शाये तब वह वाक्य में जातिवाचक संज्ञा बन जाता है। जैसे:-
कुछ संज्ञा शब्द प्राणीवाचक होता है, तो कुछ शब्द अप्राणिवाचक। कुछ शब्द गणनीय होती है तो कुछ शब्द अगणनीय।
वह शब्द जिससे किसे सजीव वस्तु का बोध हो जिसमे प्राण हो उसे प्राणीवाचक संज्ञा कहते है जैसे-
आदि उपरोक्त सभी में प्राण है इस कारण यह प्राणीवाचक संज्ञा कहलाता है।
जिस वस्तु , में प्राण न हो वह अप्राणिवाचक संज्ञा कहलाता है जैसे-
उपरोक्त शब्दों में प्राण / या सजीव नहीं है। इसलिए यह अप्राणिवाचक संज्ञा है।
जिस व्यक्ति , वस्तु , पदार्थ आदि की गणना की जा सकती है। उसकी संख्या ज्ञात की जा सकती है वह शब्द गणनीय संज्ञा कहलायेगा। जैसे-
जिस व्यक्ति , वस्तु , पदार्थ आदि की गणना नहीं की जा सकती है। उसकी संख्या ज्ञात नहीं की जा सकती है वह शब्द अगणनीय संज्ञा कहलायेगा। जैसे-
भाववाचक संज्ञा का निर्माण संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया और अव्यय शब्दों के द्वारा-
संज्ञा का पद परिचय देते समय वाक्य में आये प्रत्येक शब्द को अलग-अलग करके उसका परिचय बताना चाहिए। इसमें संज्ञा का लिंग, वचन, कारक भी बताना होता है। जैसे-
“राम ने रावण को वाण से मारा।“
राम – संज्ञा , व्यक्तिवाचक , पुल्लिंग , एकवचन , कर्ताकारक।
रावण – संज्ञा, व्यक्तिवाचक , पुल्लिंग , एकवचन , कर्मकारक ।
वाण – संज्ञा, व्यक्तिवाचक , पुल्लिंग , एकवचन , करण कारक ( साधन रूप में ) ।
जो शब्द स्त्री व पुरुष में भेद उत्त्पन्न करता है, उसे लिंग कहते है। या वह शब्द जिससे किसी व्यक्ति, वस्तु, आदि में स्त्री-पुरुष होने का ज्ञान कराता हो उसे लिंग कहते हैं। लिंग दो प्रकार के होते हैं: 1. पुल्लिंग 2. स्त्रीलिंग।
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
---|---|
लड़का | लड़की |
कवी | कवियत्री |
नाई | नाऊन |
अभिनेता | अभिनेत्री |
साधु | साध्वी |
लेखक | लेखिका |
विद्वान | विदुषी |
चूहा | चुहिया |
शेर | शेरनी |
बन्दर | बंदरिया |
सुनार | सुनारीन |
हाथी | हथनी |
नौकर | नौकरानी |
देवर | देवरानी |
शिष्य | शिष्या |
“जिस शब्द से एक या अनेक होने का बोध होता है उसे वचन कहते हैं।” हिंदी में मुख्य रूप से एकवचन और बहुवचन को मान्यता प्राप्त है।
वचन के उदहारण:
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
पुस्तक | पुस्तकें |
माला | मालाएं |
गाय | गायें |
मकान | मकानों |
बहन | बहने |
माता | माताओं |
फल | फलों |
सब्जी | सब्जियां |
बच्चा | बच्चें |
खिड़की | खिड़कियां |
नदी | नदियां |
गुड़िया | गुड़ियाँ |
सेना | सेनाएँ |
कथा | कथाओं |
बहु | बहुएँ |
वचन का वाक्य में प्रयोग:
वाक्य में प्रयुक्त वह शब्द जिससे पूरी घटना या उद्देश्य की पूर्ति हो, उसे कारक कहते हैं। जैसे-
कारक की परिभाषा:
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रुप से सीधा संबंध क्रिया के साथ ज्ञात हो वह कारक कहलाता है।
कारक चिन्ह प्रयोग/विभक्ति/परसर्ग:
कारक के महत्वपूर्ण पहचान:
संज्ञा किसी व्यक्ति (प्राणी) वस्तु , स्थान , अथवा भाव आदि के नाम को संज्ञा कहते है। जैसे- श्याम , दिल्ली , आम , मिठास , गाय आदि।
वह शब्द जो किसी एक व्यक्ति , वस्तु , स्थान आदि का बोध करवाता है उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते है। जैसे: संध्या, धर्मेश, सुरेश, सचिन; गीता, रामायण, कार, घर; कच्छ, गुजरात, मुंबई, दिल्ली; उत्तर, पश्चिम, पूर्व, दक्षिण; गंगा, जमुना, सरस्वती, कावेरी , नर्मदा आदि।
जिन शब्दों से एक जाति के सभी प्राणियों अथवा वस्तुओं का बोध हो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे- बच्चा ,जानवर, नदी, अध्यापक, बाजार, पहाड़, खिड़की आदि।
किसी भाव, गुण, दशा और अवस्था का ज्ञान करवाने वाले शब्द को भाववाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे: क्रोध, प्रसन्नता, प्रेम, आश्चर्य, लालच, जवानी आदि।
जिन भाववाचक संज्ञा शब्दों में किसी भी प्रत्यय का प्रयोग नहीं होता है, उन्हें हम स्वतंत्र भाववाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे – सुख, दुःख, रोग, प्रेम, प्यार, स्नेह, दुलार, संसार, भय, क्रोध आदि।
जो शब्द किसी समूह या समुदाय विशेष की स्थिति को प्रकट करते हैं उन्हें समूहवाचक संज्ञा या समुदाय वाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे: कक्षा, संसद, भीड़, ढेर, दल, सेना, सभा, परिवार, कक्षा, मेला, सेना, पुलिसआदि।
वे संज्ञा शब्द, जो किसी द्रव्य, पदार्थ, धातु तथा अधातु का बोध कराते है, उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे- घी, तेल, पानी, तांबा , पीतल , सोना , लोहा आदि।
Posted on 21 May 2023, this text provides information on हिन्दी related to हिन्दी व्याकरण. Please note that while accuracy is prioritized, the data presented might not be entirely correct or up-to-date. This information is offered for general knowledge and informational purposes only, and should not be considered as a substitute for professional advice.
Turn Your Knowledge into Earnings.
No matter what stage you're at in your education or career, TuteeHub will help you reach the next level that you're aiming for. Simply,Choose a subject/topic and get started in self-paced practice sessions to improve your knowledge and scores.
Ready to take your education and career to the next level? Register today and join our growing community of learners and professionals.