4 ‘चक्र है पाणि में जिसके’ होगा। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं। 'चक्रपाणि' का समास विग्रह करने पर 'चक्र है पाणि में जिसके' होगा।इसमें 'विष्णु' सांकेतिक अर्थ को इंगित किए जाने के कारण 'बहुव्रीहि समास' है। बहुव्रीहि समासजिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव। समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं -समास का नामपरिभाषा उदाहरण तत्पुरुष समासजिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।बहुव्रीहि समासजिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।कर्मधारय समासजिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो,पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।द्विगु समासजिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।अव्यययीभाव समासजिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएकद्वंद्व समास द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न