| 11. | Therefore it cannot be wholly ignored , and circumstances might at any time force the issue before the Congress for immediate ' decision . इसलिए इसकी बिल्कुल अनदेखी नहीं की जा सकती और ऐसे हालात कभी भी पेदा हो सकते हैं , जो कांग्रेस को इस बाबत तुरंत फैसला लेने के लिए मजबूर कर दें .
|
| 12. | He is always shouting about his vested interests while the poor tet or petty zamindar is seldom audible . बड़े बड़े जमींदार हमेशा उन मामलों के बाबत शोर मचाते रहते हैं , जिनमें उनका स्वार्थ रहता है , जबकि गरीब किसान या छोटे छोटे जमींदारों की आवाज शायद ही सुनाई पड़ती है .
|
| 13. | I know more about their hunger and poverty and misery than those who talk in terms of percentages and seats in the councils and places in the state services . इन लोगों की भूख और गरीबी की बाबत मुझे कहीं ज़्यादा पता है , बनिस्बत उन लोगों के , जो कौंसिलों में और सरकारी नौकरियों में फीसदी सीटों और तादाद की बात करते हैं .
|
| 14. | Presiding over a political conference there , Subhas Chandra went ahead with preaching his own ideas on political organisation , programme and plan of action for the Congress . वहां एक राजनीतिक सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए सुभाष ने राजनीतिक संघटन तथा कांग्रेस के लिए उपयु> कार्यऋमों एवं समरनीति की बाबत अपने विचार प्रकट किये . कार्यऋमों एवं समरनीति की बाबत अपने विचार प्रकट किये .&l=hi">
|
| 15. | In fact , six months ago , Suhel had written to a Jamaat-i-Islami leader in Pakistan , Tayyab Abu Adil , for securing the copyright of the Gujarati and Hindi versions of Quranic verses . छह माह पूर्व सुहेल ने पाकिस्तान में जमात-ए-इस्लमी के नेता तैयब अबु आदिल को कुरान की आयतों के हिंदी और गुजराती संस्करण का कॉपी-राइट पाने की बाबत लिखा था .
|
| 16. | In his letters to colleagues in social organisations , he gave detailed instructions and advice as to how they should be run and developed . सामाजिक संस्थाओं से संबद्ध अपने सहयोगियों को लिखें पत्रों में वे संस्थाओं से संबत्र अपने सहयोगियों को लिखे पत्रों में वे संस्थाओं के संचालन एवं विकास की बाबत विस्तृत आदेश और परामर्श देते रहे .
|
| 17. | Neither history nor constitutional law gives any justification for this , and if we examine the origins of these states most of their rulers would be reduced to the status of feudal barons . इस थ्योरी की ताईद न तो इतिहास करता है और न सवैधानिक कानून और अगर हम इन रियासतों के पैदा के बाबत सोच-विचार करें , तब पता चलेगा कि इनमें से बहुत रजवाड़े असल में सिर्फ सामंती सरदार हैं .
|
| 18. | Subhas offered his personal services to Deshbandhu in three fields : first , teaching at National College started by Deshbandhu ; second , journalism , particularly for the English edition of his newspaper Swaraj ; and third , research for the Congress organisation . सुभाष ने अपनी सेवाओं की बाबत देशबन्धु को तीन क्षेत्र सुझाये : पहला , देशबन्धु क्षरा संचालित नेशनल कालेज में अध्यापन ; दूसरे , पत्रकारिता-खासकर देशबन्धु के अखबार ? स्वराज ? के अंग्रेजी संस्करण में ; और तीसरे , कांग्रेस में शोधकार्य .
|
| 19. | Between British imperialism and Indian nationalism he would have them remain as a political group apart , apparently playing off one against the other , and seeking communal advantage even at the cost of the larger public good . एक तीसरी पार्टी के बाबत जो उन्होंने फरमाया है , वह भी न मुसलमानों के फायदे की बात है और न कोई अच्छी तस्वीर पेश करती है.इसका मतलब यह हुआ कि ब्रिटिश साम्राज़्यवाद और हिंदुस्तानी राष्ट्रवाद के बीच वे उन्हें एक अलग सियासी जमात के बतौर रखना चाहते हैं.मंशा यह है कि एक-दूसरे आपस में लड़ते रहें और इस तरह हर संप्रदाय अपना अपना फायदा उठाता रहे , भले ही उससे समूचे मुल्क का नुकसान ही क़्यों न हो !
|
| 20. | He advocated that the Congress should take up the organisation of labour directly and also that worn- , en , youth and students should have organisations of their own to advance their own cause and that of the country as a whole . The Nehru Committee had been able to settle the communal question with limited success . But , its recommendation on Dominion Status was not acceptable to Jawaharlal , Subhas Chandra and other younger left nationalists . उन्होंने कहा कि कांग्रेस को श्रमिक संगठन में सीधे उतर पडना चाहिएः और अपने अपने सामुदायिक एवं राष्ट्रीय लक्ष्यों को सामने महिलाओं , युवाओं तथा विद्यार्थियों को अपने अपने सऋ-ऊण्श्छ्ष्-वाधीन संगठन बनाने चाहिए . नेहर्रूसमिति को सांप्रदायिक समसऋ-ऊण्श्छ्ष्-या के समाधान में तो आंशिक सफलता मिल गयी , लेकिन डोमिनियन सऋ-ऊण्श्छ्ष्-टेटस की बाबत उसकी सिफारिशें जवाहरलाल , सुभाष चनऋ-ऊण्श्छ्ष्-द्र तथा अनऋ-ऊण्श्छ्ष्-य युवा वामपंथी राषऋ-ऊण्श्छ्ष्-ट्रवादियों को मंजूर नहीं थीं .
|