| 2. | Thus , while in 1950-51 , almost all machinery had to be imported , after fifteen years of planned development , a high degree of self-sufficiency was achieved in respect of a wide range of capital goods : electric motors below 200 hp , L.T . switchgears , commercial vehicles and other automobiles , wagons , roadrollers , textiles , sugar and cement machinery , industrial boilers , tea processing machinery , diesel engines , power-driven pumps , ball bearings , mechanical handling equipment , telephone equipment and teleprinters . इस प्रकार जहां सन् 1950-51 में लगभग सभी मशीनरी आयात करनी पड़ती थी , वहां योजनाबद्ध विकास के 15 वर्षों के बाद बहुआयामी पूंजीगत माल जैसे कि 200 हार्स पावर की बिजली मोटरें , एल.टी . स्वीचगियर्स , व्यापारिक वाहन तथा अन्य स्वचालित वाहन , वैगन , रोडरोलर , सूती वस्त्र , चीनी और सीमेंट मशीनरी , औद्योगिक बायलर , चाय बगान मशीनरी , डीज़ल इंजन , बिजली चालित पंप , बॉल बेयरिंग , मैकेनिकल हैंडलिंग उपकरण , टेलीफोन उपकरण तथा टेलीप्रिंटर आदि में ऊंचे दर्जे की आत्मनिर्भरता भी प्राप्त कर ली थी .
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