| 1. | The first power is rest and goodness , and hence come existing and growing . पहली शक्ति है सुख-चैन और शांति और इन्हीं से भावन और विकसन होता है .
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| 2. | Firak, josh malihabadi, chakadast are famous urdu poets (shayaras) at whom country is proud off. hindi literature is well known in world for its work in human sympathy and devotion towards country. due to lack of resourses and money we could not get noble price but its praised by everyone in world साहित्य के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का स्थान सर्वोपरि है. साहित्य और भारतीय सेना दो ऐसे क्षेत्र हैं जिनमे उत्तर प्रदेश निवासी गर्व कर सकते हैं. आदि कवी वाल्मीकि तुलसीदास कबीरदास सूरदास से लेकर भारतेंदु हरिश्चंद्र आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी आचर्य राम चन्द्र शुक्ल प्रेमचंद जयशंकर प्रसाद निराला पन्त बच्चन महादेवी वर्मा मासूम राजा अज्ञये जैसे इतने महान कवि और लेखक हुए हैं उत्तर प्रदेश में कि पूरा पन्ना ही भर जाये. उर्दू साहित्य में भी बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है उत्तर प्रदेश का. फिराक़ जोश मलीहाबादी चकबस्त जैसे अनगिनत शायर उत्तर प्रदेश ही नहीं वरन देश की शान रहे हैं. हिंदी साहित्य का क्षेत्र बहुत ही व्यापक रहा है और मानवीय संवेदना और राष्ट्र प्रेम की भावन से ओत-प्रोत रहा है. येद्दपि पक्षपातपूर्ण व्यवहार के चलते हिंदी के साहित्यकारों को नोबेल पुरस्कार नहीं मिला फिर भी उनकी सराहना करना वालो की कोई कमी नहीं है. लुग्गादी साहित्य भी यहाँ खूब पढ़ा जाता है.
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| 3. | Uttarpradesh is the state which is very important for literature.Literature and Indian army are 2 most important epics on which the natives of Uttarpradesh are popular.Poet valmiki,Tulsidas,Kabirdas,,Surdas,Bhartendu harischandar,Acharya mahavir prasad divediAcharya ramchander shukla,Prem chand,Jaishanker prasad,nirala,panth,Bacchan,Mahadevi verma,masoom raja,and Akshaya are the most important poets and writers mentioned to full every page.Urdu literture is also very important in Uttarpradesh.Firaaq, Malihabaadi,chakbast are the unlimited poets are the most important poets in uttarpradesh and also in other places.Inspite of all this behavior they have not recieved any nobel award and is not praised.Luggadi literature is also read here. साहित्य के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का स्थान सर्वोपरि है. साहित्य और भारतीय सेना दो ऐसे क्षेत्र हैं जिनमे उत्तर प्रदेश निवासी गर्व कर सकते हैं. आदि कवी वाल्मीकि तुलसीदास कबीरदास सूरदास से लेकर भारतेंदु हरिश्चंद्र आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी आचर्य राम चन्द्र शुक्ल प्रेमचंद जयशंकर प्रसाद निराला पन्त बच्चन महादेवी वर्मा मासूम राजा अज्ञये जैसे इतने महान कवि और लेखक हुए हैं उत्तर प्रदेश में कि पूरा पन्ना ही भर जाये. उर्दू साहित्य में भी बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है उत्तर प्रदेश का. फिराक़ जोश मलीहाबादी चकबस्त जैसे अनगिनत शायर उत्तर प्रदेश ही नहीं वरन देश की शान रहे हैं. हिंदी साहित्य का क्षेत्र बहुत ही व्यापक रहा है और मानवीय संवेदना और राष्ट्र प्रेम की भावन से ओत-प्रोत रहा है. येद्दपि पक्षपातपूर्ण व्यवहार के चलते हिंदी के साहित्यकारों को नोबेल पुरस्कार नहीं मिला फिर भी उनकी सराहना करना वालो की कोई कमी नहीं है. लुग्गादी साहित्य भी यहाँ खूब पढ़ा जाता है.
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| 4. | Uttar Pradesh is on top position in the field of literature. Literature and Indian Army are the two field on which the people of Uttar Pradesh feel proud. Famous poets and writters like, from ancient poet Valmiki, Tulsi Das, Sur das to Bharatendu Harishchandra, Acharya mahavir, Prasad Dwivedi, Acharya ramchandra shukla, premchand, Jay Shanka Prasad, Nirala, Pant, Bacchan, maha devi verma, Masum Raja, Agey all belonged to Uttar Pradesh that will fill up whole of page. Uttar Pradesh has significant contribution in urdu lietrature too. Innumerable shayar like Firaq, Joshi Malihabadi, Chakbast were pride of not only Uttar Pradesh but India too. There was vast area of hindi literature touching from human sentiments to patriotism. Although due to favoritism no any hindi writer or poet did not get nobel prize but those who praise them are not less in little. Luggadi lietrature is also liked by people over here. साहित्य के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का स्थान सर्वोपरि है. साहित्य और भारतीय सेना दो ऐसे क्षेत्र हैं जिनमे उत्तर प्रदेश निवासी गर्व कर सकते हैं. आदि कवी वाल्मीकि तुलसीदास कबीरदास सूरदास से लेकर भारतेंदु हरिश्चंद्र आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी आचर्य राम चन्द्र शुक्ल प्रेमचंद जयशंकर प्रसाद निराला पन्त बच्चन महादेवी वर्मा मासूम राजा अज्ञये जैसे इतने महान कवि और लेखक हुए हैं उत्तर प्रदेश में कि पूरा पन्ना ही भर जाये. उर्दू साहित्य में भी बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है उत्तर प्रदेश का. फिराक़ जोश मलीहाबादी चकबस्त जैसे अनगिनत शायर उत्तर प्रदेश ही नहीं वरन देश की शान रहे हैं. हिंदी साहित्य का क्षेत्र बहुत ही व्यापक रहा है और मानवीय संवेदना और राष्ट्र प्रेम की भावन से ओत-प्रोत रहा है. येद्दपि पक्षपातपूर्ण व्यवहार के चलते हिंदी के साहित्यकारों को नोबेल पुरस्कार नहीं मिला फिर भी उनकी सराहना करना वालो की कोई कमी नहीं है. लुग्गादी साहित्य भी यहाँ खूब पढ़ा जाता है.
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| 5. | By this time, Hindustani had become the general public's language. To distinguish themselves from the general masses, the learned Muslims used to write in Urdu (filled with Persian and Arabic vocabulary), while Khadiboli became prominent among educated Hindus. Khadiboli with heavily Sanskritized vocabulary or Sahityik Hindi (Literary Hindi) was popularized by the writings of Swami Dayada Saraswati, Bhartendu Harishchandra and others. Bhartendu Harishchandra preferred Braj Bhasha for poetry, but for prose, he deliberately used Khadiboli. Other important writers of this period are Mahavir Prasad Dwivedi, Maithili Sharan Gupt, R N Tripathi and Gopala Sharan Sinha. The rising numbers of newspapers and magazines made Khadiboli popular among the educated people. Chandrakanta, written by Devaki Nandan Khatri, is considered the first authentic work of prose in the Adhunik kaal (modern period). A story of magical characters, kings and kingdoms, it reminds one of The Lord of the Rings series and was successfully manifested into an eponymous TV Serial.The person who brought realism in the Hindi prose literature was Munshi Premchand, who is considered as the most revered figure in the world of Hindi fiction and progressive movement. Before Premchand, the Hindi literature revolved around fairy or magical tales, entertaining stories and religious themes. Premchand's novels have been translated into many other languages. साहित्य के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का स्थान सर्वोपरि है. साहित्य और भारतीय सेना दो ऐसे क्षेत्र हैं जिनमे उत्तर प्रदेश निवासी गर्व कर सकते हैं. आदि कवी वाल्मीकि तुलसीदास कबीरदास सूरदास से लेकर भारतेंदु हरिश्चंद्र आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी आचर्य राम चन्द्र शुक्ल प्रेमचंद जयशंकर प्रसाद निराला पन्त बच्चन महादेवी वर्मा मासूम राजा अज्ञये जैसे इतने महान कवि और लेखक हुए हैं उत्तर प्रदेश में कि पूरा पन्ना ही भर जाये. उर्दू साहित्य में भी बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है उत्तर प्रदेश का. फिराक़ जोश मलीहाबादी चकबस्त जैसे अनगिनत शायर उत्तर प्रदेश ही नहीं वरन देश की शान रहे हैं. हिंदी साहित्य का क्षेत्र बहुत ही व्यापक रहा है और मानवीय संवेदना और राष्ट्र प्रेम की भावन से ओत-प्रोत रहा है. येद्दपि पक्षपातपूर्ण व्यवहार के चलते हिंदी के साहित्यकारों को नोबेल पुरस्कार नहीं मिला फिर भी उनकी सराहना करना वालो की कोई कमी नहीं है. लुग्गादी साहित्य भी यहाँ खूब पढ़ा जाता है.
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