| 1. | Sonar Tari was followed by a collection of poems published in 1896 under the title Chitranot to be confused with the name of the English rendering of his drama , Chitrangada . ? सोनार तरी ? के बाद , कविताओं का एक दूसरा संकलन 1896 में प्रकाशित हुआ- ? चित्रा ? शीर्षक से.यहां इसी नाम से अंग्रेजी में प्रकाशित उनके नाटक ? चित्रांगदा ? से कोई भ्रम नहीं होना चाहिए .
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| 2. | Sonar Tari was followed by a collection of poems published in 1896 under the title Chitranot to be confused with the name of the English rendering of his drama , Chitrangada . ? सोनार तरी ? के बाद , कविताओं का एक दूसरा संकलन 1896 में प्रकाशित हुआ- ? चित्रा ? शीर्षक से.यहां इसी नाम से अंग्रेजी में प्रकाशित उनके नाटक ? चित्रांगदा ? से कोई भ्रम नहीं होना चाहिए .
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| 3. | HAVING wooed and won his Muse , the man in Rabindranath , like his Arjuna in Chitrangada , felt the need of a wider field of activity , of a fuller life as a man among men . अपनी कला देवी को प्रसन्न करते और रिझाते रवीन्द्रनाथ के अंदर बैठा पुरुष ? चित्रांगदा ? के अर्जुन की तरह , अपनी गतिविधियों को और व्यापक स्तर पर फैलाना चाहता था और लोगों के बीच एक परिपूर्ण जीवन जीना चाहता था .
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| 4. | HAVING wooed and won his Muse , the man in Rabindranath , like his Arjuna in Chitrangada , felt the need of a wider field of activity , of a fuller life as a man among men . अपनी कला देवी को प्रसन्न करते और रिझाते रवीन्द्रनाथ के अंदर बैठा पुरुष ? चित्रांगदा ? के अर्जुन की तरह , अपनी गतिविधियों को और व्यापक स्तर पर फैलाना चाहता था और लोगों के बीच एक परिपूर्ण जीवन जीना चाहता था .
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| 5. | During the five years from 1032 , despite the many tours he undertook within the country and one outside India to Iran , Tagore published seven volurqes of poetry , two novels , a drama , and composed music for , a directed the production on stage of five dance-dramas : Sapmochan -LRB- Redemption -RRB- , Chandalika and Tosher Desk in 1933 , and Chitrangada and Syamain 1936 . 1932 से 1936 , इन पांच वर्षों के दौरान रवीन्द्रनाथ ने देश के अंदर ही कई यात्राएं कीं तथा देश के बाहर ईरान की यात्रा की.साथ ही उन्होंने कविताओं की सात पुस्तकें दो उपन्यास , एक नाटक तथा पांच नृत्य-नाटिकाओं , ? शापमोचन ? ( 1933 ) ? चंडालिका ? , और ? ताशेर देश ? , ? चित्रांगदा ? और ? श्यामा ? ( 1936 ) के लिए संगीत संचरना की तथा इनका निर्देशन एवं मंच प्रस्तुति से संबंधित कार्य
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| 6. | During the five years from 1032 , despite the many tours he undertook within the country and one outside India to Iran , Tagore published seven volurqes of poetry , two novels , a drama , and composed music for , a directed the production on stage of five dance-dramas : Sapmochan -LRB- Redemption -RRB- , Chandalika and Tosher Desk in 1933 , and Chitrangada and Syamain 1936 . 1932 से 1936 , इन पांच वर्षों के दौरान रवीन्द्रनाथ ने देश के अंदर ही कई यात्राएं कीं तथा देश के बाहर ईरान की यात्रा की.साथ ही उन्होंने कविताओं की सात पुस्तकें दो उपन्यास , एक नाटक तथा पांच नृत्य-नाटिकाओं , ? शापमोचन ? ( 1933 ) ? चंडालिका ? , और ? ताशेर देश ? , ? चित्रांगदा ? और ? श्यामा ? ( 1936 ) के लिए संगीत संचरना की तथा इनका निर्देशन एवं मंच प्रस्तुति से संबंधित कार्य
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| 7. | During the five years from 1032 , despite the many tours he undertook within the country and one outside India to Iran , Tagore published seven volurqes of poetry , two novels , a drama , and composed music for , a directed the production on stage of five dance-dramas : Sapmochan -LRB- Redemption -RRB- , Chandalika and Tosher Desk in 1933 , and Chitrangada and Syamain 1936 . 1932 से 1936 , इन पांच वर्षों के दौरान रवीन्द्रनाथ ने देश के अंदर ही कई यात्राएं कीं तथा देश के बाहर ईरान की यात्रा की.साथ ही उन्होंने कविताओं की सात पुस्तकें दो उपन्यास , एक नाटक तथा पांच नृत्य-नाटिकाओं , ? शापमोचन ? ( 1933 ) ? चंडालिका ? , और ? ताशेर देश ? , ? चित्रांगदा ? और ? श्यामा ? ( 1936 ) के लिए संगीत संचरना की तथा इनका निर्देशन एवं मंच प्रस्तुति से संबंधित कार्य
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| 8. | During the five years from 1032 , despite the many tours he undertook within the country and one outside India to Iran , Tagore published seven volurqes of poetry , two novels , a drama , and composed music for , a directed the production on stage of five dance-dramas : Sapmochan -LRB- Redemption -RRB- , Chandalika and Tosher Desk in 1933 , and Chitrangada and Syamain 1936 . 1932 से 1936 , इन पांच वर्षों के दौरान रवीन्द्रनाथ ने देश के अंदर ही कई यात्राएं कीं तथा देश के बाहर ईरान की यात्रा की.साथ ही उन्होंने कविताओं की सात पुस्तकें दो उपन्यास , एक नाटक तथा पांच नृत्य-नाटिकाओं , ? शापमोचन ? ( 1933 ) ? चंडालिका ? , और ? ताशेर देश ? , ? चित्रांगदा ? और ? श्यामा ? ( 1936 ) के लिए संगीत संचरना की तथा इनका निर्देशन एवं मंच प्रस्तुति से संबंधित कार्य
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