| 1. | So instead of compiling a selection he wrote a completely new volume of verses , mostly love poems , which he named Mahua , after the strong scerited Indian flower of spring which yields a native heady wine . इसलिए एक संग्रह बनाने की बजाय उन्होंने एक साथ नई रचनाएं लिख डालीं , इनमें से ज्यादातर प्रेम कविताएं थीं- जिसका नाम ? महुआ ? रखा.यह बसंत ऋतु में खिलने वाला एक बेहद खुशबूदार फूल है , जिससे देसी शराब भी बनती है .
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| 2. | So instead of compiling a selection he wrote a completely new volume of verses , mostly love poems , which he named Mahua , after the strong scerited Indian flower of spring which yields a native heady wine . इसलिए एक संग्रह बनाने की बजाय उन्होंने एक साथ नई रचनाएं लिख डालीं , इनमें से ज्यादातर प्रेम कविताएं थीं- जिसका नाम ? महुआ ? रखा.यह बसंत ऋतु में खिलने वाला एक बेहद खुशबूदार फूल है , जिससे देसी शराब भी बनती है .
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| 3. | In the family of tagor who has contributed a lot to the Indian culture includes Geetanjali, Poorvi Pravahini, Shishu Bholanath, Mahooa, Vanvani, Parishosh, Punashva, Vithika shoshlekha, Chokerwali, Kanika, Naivedya mayer khela, and Kshanika, भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नई जान फूंकने वाले युगद्रष्टा टैगोर के सृजन संसार में गीतांजलि पूरबी प्रवाहिनी शिशु भोलानाथ महुआ वनवाणी परिशेष पुनश्च वीथिका शेषलेखा चोखेरबाली कणिका नैवेद्य मायेर खेला और क्षणिका आदि शामिल हैं।
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| 4. | Indian culture consciousness Yugdrashta tagore the creation of a new revival in the world Gitanjali, eastern Prawahini, baby Bholanath, Mahua, one voice, Parishesh, Punaswa, alley balance accounts, Chokherbaali, Kanika, Navedya Mayer played Kshanika etc. भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नई जान फूंकने वाले युगद्रष्टा टैगोर के सृजन संसार में गीतांजलि पूरबी प्रवाहिनी शिशु भोलानाथ महुआ वनवाणी परिशेष पुनश्च वीथिका शेषलेखा चोखेरबाली कणिका नैवेद्य मायेर खेला और क्षणिका आदि शामिल हैं।
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| 5. | Indian cultural consciousness's new life giver visionary Tagore's godly world included Gitanjali, Poorbi Pravahani, Shishu Bholanath, Mahua, Vanvani, Parishesh, Punnshrav, Vithika Shoshlekha, Chokherbali, Kanika, Nevedh Mayer Khela and Kshanika etc are included. भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नई जान फूंकने वाले युगद्रष्टा टैगोर के सृजन संसार में गीतांजलि पूरबी प्रवाहिनी शिशु भोलानाथ महुआ वनवाणी परिशेष पुनश्च वीथिका शेषलेखा चोखेरबाली कणिका नैवेद्य मायेर खेला और क्षणिका आदि शामिल हैं।
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| 6. | The revolutionary of new revival in the Indian cultural consciousness world of creation was flourished with texts of Geethanjali, Purvi Pravahini, Sisu Bholanadh, Mahua, Vanvasi, Parisash, Punasva, Vidhika Sashlekha, Chokhervali, Kanika, Nyvedya, Mayar Khal etc included. भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नई जान फूंकने वाले युगद्रष्टा टैगोर के सृजन संसार में गीतांजलि पूरबी प्रवाहिनी शिशु भोलानाथ महुआ वनवाणी परिशेष पुनश्च वीथिका शेषलेखा चोखेरबाली कणिका नैवेद्य मायेर खेला और क्षणिका आदि शामिल हैं।
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