| 1. | मैं एक परिंदे का दिल ले जाऊंगा रफ़ूगर के पास।
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| 2. | इंडो-ईरानी परिवार की भाषाओं में इनका प्रयोग देखने को मिलता है जैसे-कर (बुनकर), कार (कर्मकार, कलाकार, कुम्भकार), कारी (कलाकारी, गुलकारी, फूलकारी), गार (गुनहगार, रोज़गार), गर (रफ़ूगर, कारीगर, बाजीगर), गरी (कारीगरी, रफ़ूगर, बाजीगरी) आदि उदाहरण आम हैं ।
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| 3. | इंडो-ईरानी परिवार की भाषाओं में इनका प्रयोग देखने को मिलता है जैसे-कर (बुनकर), कार (कर्मकार, कलाकार, कुम्भकार), कारी (कलाकारी, गुलकारी, फूलकारी), गार (गुनहगार, रोज़गार), गर (रफ़ूगर, कारीगर, बाजीगर), गरी (कारीगरी, रफ़ूगर, बाजीगरी) आदि उदाहरण आम हैं ।
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| 4. | इंडो-ईरानी परिवार की भाषाओं में इनका प्रयोग देखने को मिलता है जैसे-कर (बुनकर), कार (कर्मकार, कलाकार, कुम्भकार), कारी (कलाकारी, गुलकारी, फूलकारी), गार (गुनहगार, रोज़गार), गर (रफ़ूगर, कारीगर, बाजीगर), गरी (कारीगरी, रफ़ूगर, बाजीगरी) संस्कृत में जहां यातु का अर्थ व्यापक है वहीं फारसी में यातु, जादू बनकर चमत्कार के अर्थ में सीमित हो गया।
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| 5. | इंडो-ईरानी परिवार की भाषाओं में इनका प्रयोग देखने को मिलता है जैसे-कर (बुनकर), कार (कर्मकार, कलाकार, कुम्भकार), कारी (कलाकारी, गुलकारी, फूलकारी), गार (गुनहगार, रोज़गार), गर (रफ़ूगर, कारीगर, बाजीगर), गरी (कारीगरी, रफ़ूगर, बाजीगरी) संस्कृत में जहां यातु का अर्थ व्यापक है वहीं फारसी में यातु, जादू बनकर चमत्कार के अर्थ में सीमित हो गया।
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| 6. | विदेशी संचार माध्यम लिखते हैं कि ईरानी केवल क़ालीन बुनाई में ही दक्ष नहीं है बल्कि बेहतरीन बुनकर होने के साथ दक्ष रफ़ूगर भी हैं कि दोनों रचनात्मकताओं के परिणाम में बहुत सुन्दर क़ालीन सामने आता है किन्तु यह कहना चाहिए कि इन संचार माध्यमों के अनुसार ईरान जो क़ालीन बुनता है वह विश्ववासियों के लिए शांति, सुरक्षा और सुख चैन का क़ालीन है ताकि विश्व की हर जाति, हर सभ्यता व संस्कृति के लोग एक साथ कंधे से कंधा मिलाकर युद्ध, हिंसा व ख़तरों से दूर रहें और एक दूसरे के अधिकारों का सम्मान करें।
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