| 41. | The Cabinet Mission recommended that the constitution should take the following basic form : 1 . There should be a Union of India , embracing both British India and the States which should deal withthe following subjects : Foreign Affairs , Defence andCommunications ; and should have the powers neces sary to raise the fices required for the above subjects . कैबिनेट मिशन ने सिफारिश की कि संविधान का मूल रूप इस प्रकार होना चाहिए : एक भारत संघ का गठन हो जिसमें ब्रिटिश भारत देशी रियासतें दोनों शामिल हों तथा जो निम्नलिखित विषयों के संबंध में कार्यवाही करे : विदेश-कार्य , रक्षा और संचार , और उसके पास उपर्युक्त विषयों के लिए अपेक्षित धन जुटाने की आवश्यक शक्तियां होनी चाहिए .
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| 42. | (2) Yahya Sadowski, then of the Brookings Institution, quoted the bolded line of the above paragraph in an entirely different context in “ The New Orientalism and the Democracy Debate ,” Middle East Report , July-August 1993, p. 14. Discussing Western considerations of democracy's prospects in the Middle East, Sadowski wrote: (2)याह्या सादोवस्की जो कि उस समय ब्रूकिंग इंस्टीट्यूशन से थीं उन्होंने बडे शब्दों में लिखे गये उपर्युक्त पैराग्राफ को पूरी तरह भिन्न संदर्भ में प्रस्तुत किया और जुलाई अगस्त 1993 के मिडिल ईस्ट रिपोर्ट के लेख The New Orientalism and the Democracy Debate , के पृष्ठ 14 में मध्य पूर्व में लोकतंत्र की सम्भावनाओं के मध्य पश्चिम के विकल्पों की चर्चा करते हुए उन्होंने लिखा:
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| 43. | Military vs. mosque : Recent events confirm that the same two powers, the armed forces and the Islamists, dominate some 20 Middle Eastern countries: the military deploys raw power and Islamists offer a vision. Exceptions exist - a vibrant Left in Turkey, ethnic factions in Lebanon and Iraq, democracy in Israel, Islamist control in Iran - but this pattern widely holds. सेना बनाम मस्जिद : वर्तमान घटनाक्रम से एक बात स्पष्ट है कि मध्य पूर्व के सभी 20 देशों में सशस्त्र बल और इस्लामवादी शक्तियाँ वर्चस्व रखती हैं , एक ओर जहाँ सशस्त्र बल मानव संसाधन की तैनाती करता है तो इस्लामवादी एक विचार प्रदान करते हैं। इसके कुछ अपवाद हैं जैसे कि विविधतावादी वामपंथ तुर्की में है, लेबनान और इराक में नस्लवादी गुट हैं, इजरायल में लोकतंत्र है, ईरान में इस्लामवादी नियंत्रण है लेकिन आम तौर पर उपर्युक्त रुझान ही पूरे क्षेत्र में है।
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| 44. | June 8, 2004 addendum (3) : For further discussion of this subject, see my weblog entry, “ Passing as a Muslim .” Related Topics: Radical Islam , Saudi Arabia , Terrorism receive the latest by email: subscribe to daniel pipes' free mailing list This text may be reposted or forwarded so long as it is presented as an integral whole with complete and accurate information provided about its author, date, place of publication, and original URL. Comment on this item 8 जून 2004 अपडेट - इस लेख पर मुझे बहुत सी टिप्पणियां मिली हैं जो कहते हैं कि आपका सुझाव है कि जीवन बचाने के लिए हम अपनी धार्मिक परंपरा छोड़ दें , ऐसा हम नहीं करेंगे . इस पर मेरी टिप्पणी है - मैं इस पर प्रतिक्रिया का सम्मान करता हूं , मैं अपने धर्म को छिपाने की वकालत नहीं कर रहा हूं वरन् उन विकल्पों की ओर इशारा कर रहा हूं जिनकी जानकारी गैर - मुसलमानों को होनी चाहिए,जब उपर्युक्त लेख की स्थिति में गैर-मुसलमान के जीवन पर खतरा होता है तो यह खतरा (ईसाई , यहूदी , हिन्दू ) धर्म अपनाने के कारण नहीं होता वरन् इस्लाम को न अपनाने के कारण होता है .
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| 45. | But Kenneth R. Feinberg, the special master in charge of dispensing the open-ended fund (which he estimates will total about $4 billion), informs me that another piece of legislation effectively reversed my interpretation of the law. On Nov. 19, Public Law 107-71 amended the above in the following manner: “The preceding sentence does not apply to a civil action to recover collateral source obligations, or to a civil action against any person who is a knowing participant in any conspiracy to hijack any aircraft or commit any terrorist act.” परंतु केनेथ आर फेनबर्ग जो कि खुली आर्थिक सहायता देने के मामले में महारथी हैं ( जो कि उनकी दृष्टि में 4 अरब अमेरिकी डालर है) उन्होंने मुझे सूचित किया कि एक और कानून ने प्रभावी रूप से कानून की इस व्याख्या को पलट दिया। 19 नवम्बर को सार्वजनिक कानून 107 से 171 ने उपर्युक्त को निम्नलिखित रूप से परिवर्तित कर दिया, “ उपर्युक्त वाक्य किसी दीवानी मुकदमे पर लागू नहीं होगा जिसमें कि साथ हुई क्षति को भरने के स्रोत के रूप में उपयोग किया जा सके , या फिर किसी ऐसे दीवानी मुकदमे के लिये जिसमें कि किसी व्यक्ति को किसी वायुयान के अपहरण या किसी आतंकी घटना को करने के षड्यंत्र का जानबूझकर अंग रहा हो”
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| 46. | But Kenneth R. Feinberg, the special master in charge of dispensing the open-ended fund (which he estimates will total about $4 billion), informs me that another piece of legislation effectively reversed my interpretation of the law. On Nov. 19, Public Law 107-71 amended the above in the following manner: “The preceding sentence does not apply to a civil action to recover collateral source obligations, or to a civil action against any person who is a knowing participant in any conspiracy to hijack any aircraft or commit any terrorist act.” परंतु केनेथ आर फेनबर्ग जो कि खुली आर्थिक सहायता देने के मामले में महारथी हैं ( जो कि उनकी दृष्टि में 4 अरब अमेरिकी डालर है) उन्होंने मुझे सूचित किया कि एक और कानून ने प्रभावी रूप से कानून की इस व्याख्या को पलट दिया। 19 नवम्बर को सार्वजनिक कानून 107 से 171 ने उपर्युक्त को निम्नलिखित रूप से परिवर्तित कर दिया, “ उपर्युक्त वाक्य किसी दीवानी मुकदमे पर लागू नहीं होगा जिसमें कि साथ हुई क्षति को भरने के स्रोत के रूप में उपयोग किया जा सके , या फिर किसी ऐसे दीवानी मुकदमे के लिये जिसमें कि किसी व्यक्ति को किसी वायुयान के अपहरण या किसी आतंकी घटना को करने के षड्यंत्र का जानबूझकर अंग रहा हो”
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| 47. | Joel Barlow (1754-1812), a U.S. diplomat, promised “harmony” between his country and Muslims. But a curious story lies behind the remarkable 11 th article. The official text of the signed treaty was in Arabic , not English; the English wording quoted above was provided by the famed diplomat who negotiated it, Joel Barlow (1754-1812), then the American consul-general in Algiers. The U.S. government has always treated his translation as its official text, reprinting it countless times. There are just two problems with it. मुसलमानों के साथ सम्बन्धों को स्वरूप देने के साथ ही यह वक्तव्य कि अमेरिका के निर्माण का आधार किसी भी प्रकार से ईसाई धर्म नहीं है पिछले 210 वर्षों से इस बात का प्रमाण रहा है कि इस देश के निर्माता ईसाई नहीं थे. यह बात स्टीवन मोरिस ने 1995 में अपने एक लेख में कही थी. परन्तु 11वें अनुच्छेद के साथ एक जिज्ञासु कथा जुड़ी है. इस सन्धि का आधिकारिक पाठ अंग्रेजी में नहीं वरन् अरबी भाषा में है. उपर्युक्त अंग्रेजी भाषा में उद्धृत शब्द अल्जीयर्स में तत्कालीन वाणिज्य दूत जोएल बारलो (1754-1812) ने उपलब्ध कराये थे जो इस सन्धि में मध्यस्थता कर रहे थे. अमेरिकी सरकार ने उनके अनुवाद को अपना आधिकारिक पाठ माना और अनेक अवसरों पर इसे पुन: प्रकाशित कराया.
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| 48. | UPDATE 12/12/05: A new article by Daniel Pipes leads me to make this clarification: I do not know the quality of the information I was given by these sources. This has all been an extremely puzzling experience. I was approached with this evidence; I did not seek it out. It was confirmed by several parties. I presented it in good faith without ever saying (as some have charged) that it was necessarily accurate or true. But the circulation of this story-before and after I got it-explains why the Copts were so angry with Muslims in New Jersey at the time. As far as I know, the police examined this evidence and found it wanting. I do not know what the motives were of the friends of the Armanious family who told it to me and insisted on it, and continued to do so after the two thugs were arrested who were charged with this crime. I still have many uswered questions. But I have nothing to go on. 12 दिसंबर 2005 अपडेट - उपर्युक्त लेख में मैंने आर्मिनियन परिवार की हत्या को इस्लामवादी आतंकवाद का एक उदाहरण बताया है . मैं इस बात से अवगत हूं कि न्यूजर्सी की पुलिस द्वारा प्राप्त निष्कर्षों से यह मेल नहीं खाता है . पुलिस ने इस अपराध के सिलसिले में 3 मार्च को ड्रग डीलर एडवर्ड मैक्डोनल्ड और हैमिल्टन सांचेज को पकड़ा है . मैंने यह 2005 से पूर्व के अपने लेख “Denying Islamist Terrorism” और ब्लॉग द आर्मन फैमिली मैसेकर की संगति में लिखा है . मेरे साक्ष्यों का आधार रॉबर्ट स्पेन्सर की रिपोर्ट “Inside information on the New Jersey Murders” था. प्रात: काल मेरा लेख प्रकाशित होने के बाद रॉबर्ट स्पेन्सर ने इसी पेज पर यह अपडेट दिया-
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