| 31. | The cave-shrine called Paliyilisvaram at Narttamalai , another Muttaraiyar excavation , dates a few years before the seventh year of Pallava Nripatunga in the late ninth century . एक अन्य मुत्तरैयार उत्खनन , नर्तामलै स्थित पालियिलिश्वरम गुफा मंदिर नवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में पल्लव नृप तुंग के सातवें वर्ष के कुछ वर्ष पहले का हैं .
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| 32. | In 8th century,litchavi got their end and in 879 onwards newar established.how they went further that can't be said. ८वी शताव्दी के उत्तरार्ध मे लिच्छवि वंश का अस्त हो गया और सन् ८७९ से नेवार (नेपाल की एक जाति) युग का उदय हुआ फिर भी इन लोगों का नियन्त्रण देशभर मे कितना बना था इसका आकलन कर पाना मुश्किल है।
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| 33. | To find a solution for the vexed Hindu-Muslim question , Subhas Chandra as Congress President held a series of meetings with M.A . Jinnah , the Muslim League leader , in the latter half of 1938 and also had extensive correspondence with him . कष्टकारी हिंदू-मुZस्लिम समस्या का समाधान खोजने के लिए , 1938 के उत्तरार्ध में उन्होंने मुस्लिम लीग के नेता मुहम्मद अली जिन्ना से कई मुलाकातें कीं और व्यापक पत्राचार किया .
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| 34. | The Licchavi kingdom saw its end at the end of the 8th century, and in 879, the Newars (A tribe from Nepal) came to rule.But it is uncertain as to how much area of the whole country was under their control. ८वी शताव्दी के उत्तरार्ध मे लिच्छवि वंश का अस्त हो गया और सन् ८७९ से नेवार (नेपाल की एक जाति) युग का उदय हुआ फिर भी इन लोगों का नियन्त्रण देशभर मे कितना बना था इसका आकलन कर पाना मुश्किल है।
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| 35. | The Lichhvies clan ends in the second half of 8th century and form the year 879, the rise of Newar( a cast of Nepal) period started, although it is difficult to analyze how much they have control over the country. ८वी शताव्दी के उत्तरार्ध मे लिच्छवि वंश का अस्त हो गया और सन् ८७९ से नेवार (नेपाल की एक जाति) युग का उदय हुआ फिर भी इन लोगों का नियन्त्रण देशभर मे कितना बना था इसका आकलन कर पाना मुश्किल है।
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| 36. | . In the latter half of eighth century, reign of Lichhavis ended and the year 879 saw the rise of Newar (a caste from Nepal). However it is difficult to know whether they established their rule all over the country. ८वी शताव्दी के उत्तरार्ध मे लिच्छवि वंश का अस्त हो गया और सन् ८७९ से नेवार (नेपाल की एक जाति) युग का उदय हुआ फिर भी इन लोगों का नियन्त्रण देशभर मे कितना बना था इसका आकलन कर पाना मुश्किल है।
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| 37. | All form of smoking are bad for you ; it increases your risk of heart disease , lung disease -LRB- especially bronchitis and lung cancer -RRB- and in later life , osteoporosis -LRB- thinning of the bones -RRB- . हर प्रकार का धूम्रपान स्वास्थ्य के लिये घातक है.इसके कारण हृदय एवं फेफड़ों के रोगों की संभावनायें बढ़ जाती हैं . ( विशेषकर ब्रोंकाइटिस एवं फेफड़ों का कैंसर ) एवं जीवन के उत्तरार्ध में ओस्टियोपोरोसिस ( हड्डियाँ पतली होना ) की संभावनायें बढ़ जाती हैं .
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| 38. | The excessive decorative elements of this temple , as also the plan and other features , indicate its proximity in time to the typical temples of the Hoysalas and Kakatiyas who came after them to power in this region in the late twelfth and early thirteenth centuries . इस मंदिर के प्रचुर सजावटी तत्व और उसकी योजना और लक्षण भी होयसलों है और उनके बाद इस क्षेत्र में बारहवीं शती के उत्तरार्ध और तेरहवीं शती के आरंभ में सत्ता में आए काकतियों के विशिष्ट मंदिरों के समय के आसपास इसके निर्माण का संकेत देते हैं .
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| 39. | Their earlier temples such as the Navalinga group and the Kallesvara at Kukkanur near Gadag -LRB- Dharwar district -RRB- , assignable to the latter half of the tenth century , are perhaps the last among the structures that were built of sandstone , and mark the end of the sandstone-trap rock tradition . दसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में निर्मित गडग ( धारवाड़ जिला ) के निकट कुष्णानूर स्थित नवलिंग समूह और कल्लेश्वर जैसे उनके आरंभिक मंदिर शायद उन संरचनाओं में अंतिम थे , जो बालुकाश्म से बनाए गए और बालुकाश्म युक़्त शैल परंपरा की समाप्ति के सूचक हैं .
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| 40. | The result was that these two parallel traditions continued in the south in the respective regions till the advent of the Vijayanagar empire in the second half of the fourteenth century , which soon embraced in its ambit both these regions and in fact soon extended practically over the whole of south India . परिणाम यह हुआ कि ये दोनों समानांतर परंपराएं दक्षिण में अपने , अपने क्षेत्रों में चौदहवीं शती के उत्तरार्ध में विजयनगर साम्राज़्य के उदय तक बनी रहीं , जबकि उसने दोनों क्षेत्रों को अपनी परिधि में समेट लिया और वास्तव में जल्दी ही पूरे दक्षिण भारत पर व्यावहारिक रूप से फैल गया .
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