परिभाषा / अर्थ | उदाहरण |
वृक्ष का वह नीचे वाला भाग जिसमें डालियाँ नहीं होतीं | इस वृक्ष का तना बहुत पतला है । |
वृक्ष आदि के तने से इधर-उधर निकले हुए अंग | बच्चे आम की शाखाओं पर झूल रहे हैं । |
वह स्थान जहाँ कोई न हो | कुछ लोग निर्जन स्थान में निवास करना पसंद करते हैं । |
नाव खेने का बल्ला | माँझी पतवार से नाव खे रहा है । |
धातु आदि का बना वह पतला लम्बा हथियार जो धनुष द्वारा चलाया जाता है | बाण लगते ही पक्षी तड़फड़ाने लगा । |
नदी, जलाशय, वर्षा आदि से मिलने वाला वह द्रव पदार्थ जो पीने, नहाने, खेत आदि सींचने के काम आता है | जल ही जीवन का आधार है । |
अच्छा का उल्टा या विपरीत | बुरे लोगों की संगति अच्छी नहीं होती। |
अभियोग, अपराध, अधिकार या लेन-देन आदि से संबंध रखने वाला वह विवाद जो न्यायालय के सामने किसी पक्ष की ओर से विचार के लिए रखा जाए | यह मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन है । |
एक में लगी या बँधी हुई छोटी वस्तुओं का समूह | चाबियों का गुच्छा पता नहीं कहाँ खो गया है ? |
सरपत की जाति का एक पौधा | खेत की मचान सरकंडे से छाई गई है । |
किसी कार्य अथवा विषय का विभाग | नाटक के अगले कांड में भगवान जन्म लेंगे । |
किसी को प्रसन्न करने के लिए झूठी या अत्यधिक प्रशंसा करने की क्रिया, अवस्था या भाव | लगता है कि मंजुली को तारीफ़ और चापलूसी में फ़र्क़ नहीं समझ आता है । |
ईख, बाँस आदि की दो गाँठों के बीच का भाग | तुम बाजार से छोटी पोर वाली ईख मत लाना । |
बहुत बड़ा झगड़ा, अनुचित कार्य या कोई अशुभ घटना | आज वहाँ बहुत बड़ा कांड हो गया । |
तने का वह ऊपरी भाग जिसमें से डालियाँ निकलती हैं | वह स्कंध की मोटाई नाप रहा है । |
तने का वह ऊपरी भाग जिसमें से डालियाँ निकलती हैं | वह स्कंध की मोटाई नाप रहा है । |
ग्रंथ का वह विभाग जिसमें कोई पूरा विषय होता है | श्री मद् भागवत पुराण में कुल बारह कांड हैं । |
धनुष के बीच का मोटा हिस्सा | कांड पर बाण की नोक रखकर उसे छोड़ा जाता है । |
हाथ या पैर की लंबी हड्डी | उसके हाथ के कांड में उभार है । |