परिभाषा / अर्थ | उदाहरण |
वह शब्द जिससे किसी वस्तु, व्यक्ति आदि का बोध हो या वह पुकारा जाए | हमारे प्राचार्य जी का नाम श्री पुष्पक भट्टाचार्य है । |
एक से अधिक संख्याओं को जोड़ने की क्रिया | इन अंकों का जोड़ सावधानीपूर्वक करना । |
दो या अधिक संख्याओं को जोड़ने से मिलनेवाली संख्या | इन संख्याओं का जोड़ बीस आया । |
वह कार्य या प्रयत्न जिससे अभीष्ट तक पहुँचा जाए | कोई ऐसा उपाय बताइए जिससे यह काम आसानी से हो जाए । |
व्यवहार या आचरण के विषय में नीति, विधि, धर्म आदि के द्वारा निश्चित ढंग या प्रतिबंध | हमें अपने सिद्धांतों का पालन करना चहिए । |
किसी वस्तु या बात को उपयोग में लाए जाने की क्रिया या भाव | यहाँ नशीले पदार्थों का प्रयोग वर्जित है । |
किसी कार्य के अंत में उसके फलस्वरूप होनेवाला कार्य या कोई बात | उसके काम का नतीजा बहुत ही बुरा निकला । |
व्यापार, काम आदि में होने वाला मुनाफ़ा | मुझे इस कपड़ा व्यापार से काफ़ी लाभ की उम्मीद थी । |
ऐसा समय या परिस्थिति जिसमें कोई कार्य या उद्देश्य सहजता से, जल्दी या सुविधा से हो सके | इस काम को करने का अवसर आ गया है । |
लाभ आदि के रूप में आने या प्राप्त होने वाला धन | कृषि ही हमारी आय का मुख्य साधन है । |
रोगी को स्वस्थ करने अथवा रोग का इलाज या उसकी रोकथाम करने के लिए विधिपूर्वक बनाया हुआ पदार्थ | नियमित औषध लेने से ही बीमारी ठीक होती है । |
वह काम जो किसी को धोखे में डाल कर कोई स्वार्थ साधने के लिए किया जाए | उसने छल से पूरी जायदाद अपने नाम करा ली । |
जीविका-निर्वाह के लिए किया जाने वाला काम | उसने कपड़ा बेचने के साथ-साथ एक दूसरा व्यवसाय भी शुरू किया है । |
वे कष्टकर धार्मिक कार्य जो चित्त को भोगविलास से हटाने के लिए किए जाएँ | दस्यु रत्नाकर कठोर तपस्या से वाल्मीकि बने थे । |
धन-दौलत और जायदाद आदि जो किसी के अधिकार में हो और जो ख़रीदी और बेची जा सकती हो | उसने कड़ी मेहनत करके अत्यधिक संपत्ति अर्जित की । |
किसी विषय, विशेषतः धार्मिक विषय या अलौकिक सत्ता का लगातार कुछ समय तक होने वाला गंभीर मनन या चिंतन जो योग का सातवाँ तथा समाधि के पूर्व का अंग माना जाता है | संतजी ध्यानयोग में लीन है । |
निर्दिष्ट क्षण या समय | अभी लगन का मुहूर्त नहीं है । |
योगशास्त्र में निर्दिष्ट वे कर्म जिनके द्वारा इंद्रिय-निग्रह किया जाता है | वह प्रतिदिन योग करता है । |
दो वस्तुओं में किसी प्रकार का संपर्क बतलाने वाला तत्व | साथ रहते-रहते तो जानवरों से भी लगाव हो जाता है । |
मंत्र-तंत्र आदि के द्वारा किसी को वश में करने की क्रिया | तांत्रिक ने वशीकरण द्वारा रामू को अपने बस में कर लिया । |
किसी काम में साथ देने या सहायक होने की क्रिया | सभी ग्रामवासियों के योगदान से इस मंदिर का निर्माण हुआ है । |
एक से अधिक वस्तु आदि का एक में मिलने या मिलाने की क्रिया | अम्ल और क्षार के योग से लवण बनता है । |
वह जिस पर सवार होकर या सामान लादकर कहीं जाया जाए | वह सड़क पर खड़े होकर शहर की ओर जाने वाली किसी सवारी का इंतजार कर रहा था । |
वह जो विश्वासघात करे | विश्वासघातियों पर विश्वास करना ही नहीं चाहिए । |
वह शास्त्र जिसमें वे कर्म निर्दिष्ट हैं जिनके द्वारा इंद्रिय-निग्रह किया जाता है | पातंजलि का योगशास्त्र योगसूत्र के नाम से जाना जाता है । |
न्याय शास्त्र का ज्ञाता | नैयायिक ने अपने तर्क से सबको चुप कर दिया । |
आत्म-तत्त्व का चिन्तन करते हुए ईश्वर या परमात्मा के साथ मिलकर एक होने की अवस्था | योगी को बरसों तपस्या करने के बाद योग प्राप्त हुआ । |
फलित ज्योतिष के अनुसार कुछ विशिष्ट काल या अवसर जो सूर्य और चंद्रमा के कुछ विशिष्ट स्थानों में आने के कारण होते है | योग की संख्या सत्ताइस है । |
शास्त्र में एक प्रकार का छंद | योग छंद के प्रत्येक चरण में बारह, आठ के विश्राम से बीस मात्राएँ और अन्त में यगण होता है । |
चतुर होने की अवस्था, गुण या भाव | उसने चतुराई से उत्तर दिया । |
उपयुक्त होने की अवस्था, गुण या भाव | आलोचना गुण-दोषों एवं उपयुक्ततता का विवेचन करने वाली विधा है । |
उपयुक्त होने की अवस्था, गुण या भाव | आलोचना गुण-दोषों एवं उपयुक्ततता का विवेचन करने वाली विधा है । |