परिभाषा / अर्थ | उदाहरण |
खाने (या पीने) के काम आने वाली वस्तु जिससे शरीर को ऊर्जा मिले और शारीरिक विकास हो | गाँव की अपेक्षा शहरों में खाद्य वस्तुएँ बहुत महँगी हैं । |
चान्द्र मास के किसी पक्ष की सातवीं तिथि | राकेश का जन्म कृष्ण पक्ष की सप्तमी को हुआ था । |
जलती हुई लकड़ी, कोयला या इसी प्रकार की और कोई वस्तु या उस वस्तु के जलने पर अंगारे या लपट के रूप में दिखाई देने वाला प्रकाशयुक्त ताप | आग में उसकी झोपड़ी जलकर राख हो गई । |
हमारे सौर जगत का वह सबसे बड़ा और ज्वलंत तारा जिससे सब ग्रहों को गर्मी और प्रकाश मिलता है | सूर्य सौर ऊर्जा का एक बहुत बड़ा स्रोत है। |
जड़, तने, शाखा तथा पत्तियों से युक्त बहुवर्षीय वनस्पति | पेड़ मनुष्य के लिए बहुत ही उपयोगी हैं । |
शनिवार के बाद का और सोमवार से पहले का दिन | हमारे यहाँ प्रत्येक विद्यालय, कार्यालय, आदि रविवार को बंद रहते हैं । |
दस और दो | नाव में बारह लोग सवार हैं । |
परिश्रम अथवा गर्मी के कारण शरीर की त्वचा के छिद्रों से निकलने वाला द्रव | मजदूर पसीने से तर था । |
वनस्पतियों अथवा उनके फूल, फल,पत्तों आदि में रहने वाला वह तरल पदार्थ जो दबाने, निचोड़ने आदि पर निकलता या निकल सकता है | नीम की पत्तियों का रस पीने तथा लगाने से चर्म रोग दूर होता है । |
वे शब्द या वाक्य जिनका जप इष्ट-सिद्धि या किसी देवता की प्रसन्नता के लिए किया जाता है | पंडितजी महामृत्युंज्य मंत्र का जाप कर रहे हैं । |
इन्द्र का प्रधान शस्त्र | एक बार इन्द्र ने बाल हनुमान पर वज्र से प्रहार किया था । |
वह जिसे किसी चीज का अच्छा ज्ञान हो | भारत शुरू से ही ज्ञानियों का देश रहा है । |
किसी पदार्थ का वह रस जो भभके आदि से खींचने पर निकले | पुदीने का अर्क पेट के लिए बहुत अच्छा होता है । |
औषधियों आदि को पानी में उबालकर बनाया हुआ रस | वैद्यजी ने रोगी को प्रतिदिन तुलसी की पत्ती का काढ़ा पीने को कहा । |
पानी के भीतर होनेवाली एक प्रकार की घास | तालाब में शैवाल अधिक होने के कारण तैरने में असुविधा होती है । |
हिन्दू धर्मग्रंथों में वर्णित एक देवता | वेदों में भी सूर्यदेव की पूजा का विधान है । |