परिभाषा / अर्थ | उदाहरण |
वह मनोवृत्ति जो किसी को बहुत बुरा समझकर सदा उससे दूर रहने की प्रेरणा देती है | जहाँ घृणा होती है वहाँ दया का अभाव होता हैं । |
किसी वस्तु का वह भाग जहाँ उसकी लम्बाई या चौड़ाई समाप्त होती है | इस थाली का किनारा बहुत ही पतला है । |
दुश्मन या शत्रु होने की अवस्था या भाव | आपसी दुश्मनी को दूर करने में ही भलाई है । |
भिन्न दिशाओं से आकर एक स्थान पर मिलने वाली रेखाओं या धरातलों के बीच का स्थान | मिठाई की दुकान बाज़ार के दक्षिण कोने पर है । |
किसी मनुष्य, प्राणी आदि को जान-बूझकर किसी उद्देश्य से मार डालने की क्रिया | किसी भी प्राणी की हत्या महापाप है । |
बिच्छू, मधुमक्खी आदि कीड़ों के पीछे का जहरीला काँटा जिसे वे जीवों के शरीर में धँसाकर जहर फैलाते हैं | उसे बिच्छू ने डंक मार दिया । |
वह मनोभाव जो स्वभावतः अथवा संकोच, दोष आदि के कारण दूसरों के सामने सिर उठाने या बोलने नहीं देता है | लज्जा के मारे वह कुछ न बोल सकी । |
आग्रहपूर्वक यह कहने की क्रिया कि ऐसा ही है, होगा या होना चाहिए | तुलसी ने कृष्ण-मूर्ति के सामने ही हठ लगा दी कि धनुष धारण करो । |
ताँबे और जस्ते के मेल से बनी हुई एक प्रसिद्ध धातु | स्टील के आ जाने से अब पीतल के बर्तनों का प्रचलन नहीं रहा । |
क्षेत्रफल नापने की एक इकाई | एक आर सौ वर्ग मीटर के बराबर होता है । |
एक प्रकार का सूआ | सुतारी जूता, चप्पल आदि सीने के काम में आता है । |
खान से निकला हुआ ताजा लोहा | खनिक खान से आर निकालकर ट्रक में भर रहे हैं । |
पहिए की परिधि को उसके केन्द्र या नाभि से जोड़ने वाली लकड़ी, लोहे आदि की बनी आड़ी वस्तु | बढ़ई आर लगा रहा है । |
वह कील जो पैने में लगी होती है | हलवाहा के आर से कोचते ही बैल तिलमिला उठा । |
लड़ाकू मुर्गे के पंजे के ऊपर बाँधा जाने वाला काँटा | इस मुर्गे के आर बड़े नुकीले हैं । |